You forget! | आप भूल जाते हैं!

आप भूल जाते हैं! You forget!




मैंने कई लोगों को देखा और सुना है कि वे हाथ में पेन लेकर पूरे घर में वही पेन ढूंढ़ते रहते हैं! क्या ये ठीक है? आप फ्रिज की ओर जाते हैं और उसका दरवाजा खोलते हैं और फिर सोचते हैं:-' अरे! मैं यहाँ किसलिए आया था?' आप गाड़ी की चाबी कई रख देते हैं और फिर पूरा घर चाबी ढूंढने लग जाता है.
अगर ये आप के साथ कभी कभी होता है तो ठीक है. लेकिन अगर आये दिन ऐसा होने लगे तो सावधान हो जाना. क्यों कि भूलना तो ठीक है लेकिन इतना भूलना! बाप रे बाप!


ऐसा क्यों होता है?

लाजमी हैं! इतना भूल रहे हैं तो आप भी सोचते  होंगे कि ऐसा होता क्यों है?
आइये जानते हैं...
दरअसल ये हमारे अव्यवस्थित सोच के कारण होता है. जब आप एक ही समय में ज्यादा चीजें सोचेंगे तो ऐसा होने लग जाता है. आइये जरा किसी एक स्थिति का अवलोकन कर लेते हैं..
मान लीजिये आप फ्रिज की तरफ बढ़ रहे हैं  किसी खास मकसद से! लेकिन अभी आप फ्रिज तक पहुंचे नहीं हैं.
इतने में आपका दिमाग किसी और दुनिया में चला जाता है  और आप कुछ और सोचने लग जाते हैं. 
फिर जब आप फ्रिज का दरवाजा खोलते हैं ...सब गायब! अरे मैं यहाँ किसलिए आया था.
अब आप को समझ में आ गया होगा कि माजरा क्या है?

forgetting  picआपने एक पोएम पढ़ी होगी..
Work while you work,
Play while you play,
That is the way,
To be happy and gay.

वास्तव में ये सिर्फ एक कविता नहीं हैं बल्कि सफलता का एक अचूक मंत्र है.
जब आप कोई काम करें तो सिर्फ उसी काम के बारे में सोचें किसी और के बारे में नहीं.
वैज्ञानिकों का दावा है कि 24 घंटे में हमारे दिमाग में लगभग 70,000 विचार आते हैं. इसका मतलब विचारों की कमी नहीं है हमारे पास.

जब हम किसी कार्य को करने का मकसद समझकर उसकी ओर बढ़ते हैं, लेकिन फिर बारिश की तरह हमारा मन कहीं और भटक जाता है, तो इसे आमतौर पर 'फ्रिज का माजरा' कहा जाता है। यह एक सामान्य और परिचित स्थिति है जो हर किसी के साथ हो सकती है। इसमें दिखाया जाता है कि किसी कार्य को करने की राह में किसी भी समय मन की भटकाहट का सामना करना पड़ सकता है। जिस तरह से हम दिनचर्या में अपने कामों को करने के लिए फ्रिज की ओर बढ़ते हैं, ठीक उसी तरह हम किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए बढ़ते हैं। लेकिन जब हमारा मन कहीं और चला जाता है, तो हम उस कार्य को भूल जाते हैं और अन्य विचारों में खो जाते हैं। यह दिखाता है कि कभी-कभी मन की अव्यवस्था के कारण हम अपने लक्ष्यों से दूर हट सकते हैं। फ्रिज का दरवाजा खोलने पर अगर हम देखते हैं कि सब कुछ गायब है, तो हमें अचानक एक्का आ जाता है कि हम यहां किसलिए आए थे। इसी तरह, जब हम अपने उद्देश्य की दिशा में नहीं बढ़ पा रहे होते हैं, तो हमें एक पल के लिए रुक जाना चाहिए और अपने लक्ष्य को फिर से स्पष्ट करना चाहिए। इस अद्वितीय तुलना से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए मन को स्थिर रखना महत्वपूर्ण है। इसके लिए सही मनोबल, ध्यान, और स्वयं को संजीवनी बूटी की तरह एक महत्वपूर्ण उपाय है। तभी हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सफल हो सकते हैं और अपने जीवन को सफलता से भर सकते हैं।

अगर आप भी भूलते हैं तो ऐसा करें:-

  • जब कोई काम करें तो शरीर और मन वहीँ होना चाहिए. मतलब काम के समय सिर्फ काम कुछ और नहीं.
  • वैसे ये इतना आसान नहीं हैं लेकिन अगर आप ज्यादा से ज्यादा इन्द्रियों को इसमें सम्मिलित कर लेंगे तो ये काफी आसान हो जाएगा. 
  • जब तक काम ख़त्म न हो जाये किसी और काम की तरफ ध्यान न दें.
  • मान लीजिये आप खाना खा रहें हैं तो आपका सबसे मुख्य और जरूरी काम खाना खाना है तो इस समय टीवी न देखें. आपका नियनत्रण में रहने वाला चेतन दिमाग, एक समय में सिर्फ एक ही काम कर सकता है. आपने ध्यान दिया होगा कि खाते समय अगर आप कोई मूवी देख रहे होते हैं तो कैसे किसी दृश्य पर आपका मुंह चलना बंद हो जाता है.  ऐसा इसलिए होता है कि आप एक समय में एक से ज्यादा काम नहीं कर सकते हैं. जब आप एक समय में एक ही काम करते हैं तो इसी को Focus कहते हैं.
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