सफलता तुम्हारी दीवानी होगी |
सफलता तुम्हारी दीवानी होगी
तुम सीमित सीमा में बंधकर,
तनिक दूर चल मत थक जाना
लक्ष्य भूल कर वापस फिर से
अपने घर फिर से मत जाना.
इतनी मेहनत कर आगे बढ़ कर,
हिम्मत हारे तुम क्यों बैठे हो?
जो चाहो तुम कर सकते हो!
अंगारे बन जल सकते हो.
तुफानो में पलकर देखो,
तुम सब हारे क्यों बैठे हो?
अपनी सभी कहानी कहते,
तुमने सुना वे क्या हैं कहते?
जो मान गया वो हार गया है!
जो ठाना वो बाजी मार गया है!
बस अपनी सोच के बनो सिपाही,
विचारों में तूफ़ान उठा लो,
हुंकार भरो अपने भीतर फिर,
सारे भूमंडल को उठा लो.
अभी थके फिर कहाँ बढोगे?
स्वप्न तुम्हारे बिखर जायेंगे!
करो भरोसा और लगन से,
मेहनत हो फिर पूरे मन से.
थको नहीं और रुको नहीं तुम,
एक दिन तुम निखर जाओगे.
दिवस, रैन सब एक बराबर,
एक लक्ष्य और फिर प्रयास हो!
तुम्हारी भी कहानी होगी,
जुबां पर सबके ये कयास हो.
उदाहण सबके बनकर तुम फिर,
उगना सूरज सा तपकर तुम,
आप अभी से जुटे रहे तो,
लगातार फिर डटे रहे तो.
बिना थके जो प्रयास किया तो,
एकलव्य सा ध्यान किया तो.
फिर तुम्हारी कहानी होगी.
सफलता तुम्हारी दीवानी होगी!
तनिक दूर चल मत थक जाना
लक्ष्य भूल कर वापस फिर से
अपने घर फिर से मत जाना.
इतनी मेहनत कर आगे बढ़ कर,
हिम्मत हारे तुम क्यों बैठे हो?
जो चाहो तुम कर सकते हो!
अंगारे बन जल सकते हो.
तुफानो में पलकर देखो,
तुम सब हारे क्यों बैठे हो?
अपनी सभी कहानी कहते,
तुमने सुना वे क्या हैं कहते?
जो मान गया वो हार गया है!
जो ठाना वो बाजी मार गया है!
बस अपनी सोच के बनो सिपाही,
विचारों में तूफ़ान उठा लो,
हुंकार भरो अपने भीतर फिर,
सारे भूमंडल को उठा लो.
अभी थके फिर कहाँ बढोगे?
स्वप्न तुम्हारे बिखर जायेंगे!
करो भरोसा और लगन से,
मेहनत हो फिर पूरे मन से.
थको नहीं और रुको नहीं तुम,
एक दिन तुम निखर जाओगे.
दिवस, रैन सब एक बराबर,
एक लक्ष्य और फिर प्रयास हो!
तुम्हारी भी कहानी होगी,
जुबां पर सबके ये कयास हो.
उदाहण सबके बनकर तुम फिर,
उगना सूरज सा तपकर तुम,
आप अभी से जुटे रहे तो,
लगातार फिर डटे रहे तो.
बिना थके जो प्रयास किया तो,
एकलव्य सा ध्यान किया तो.
फिर तुम्हारी कहानी होगी.
सफलता तुम्हारी दीवानी होगी!
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